राज घाट यमुना नदी के तट पर स्थित पुरानी दिल्ली (शाहजहानाबाद) के एक घाट का नाम है। इसी स्थान पर महात्मा गांधी का उनकी शहादत के बाद दिनांक 31 जनवरी, 1948 को दाह-संस्कार किया गया था। राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए यहां एक स्मारक निर्माण किया गया । मुख्य द्वार से पत्थर निर्मित फुटपाथ स्मारक तक जाता है, यह स्मारक खुले आसमान के नीचे काले संमरमर का एक मंच स्थल है। एक और मध्य में एक अखण्ड ज्योति निरंतर जलती रहती है तथा दूसरी और गांधी जी के अन्तिम शब्द ' है राम ' लिखे गये है। यह स्मारक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन की सादगी को दर्शाता है। समाधि परिसर में प्रत्येक शुक्रवार को कताई कार्यक्रम और सर्व-धर्म-प्रार्थना आयोजन किया जाता है।
राजघाट का समय, प्रवेश शुल्क
- राज घाट का समय गर्मियों (अप्रैल से सितंबर) में सुबह 5:00 बजे से शाम 7:30 बजे तक और सर्दियों में सुबह 5:30 बजे से शाम 7:00 बजे (अक्टूबर से मार्च) तक है।
- यह सप्ताह के सभी दिनों में खुला रहता है।
- राजघाट के लिए कोई साप्ताहिक अवकाश नहीं।
- भारतीयों और विदेशियों के लिए प्रवेश पूरी तरह से निःशुल्क है।
सुविधाएं
- स्मारक में प्रवेश करते समय आगंतुकों को अपने जूते उतारने होंगे।
- आगंतुकों के लिए नि:शुल्क पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है।
- आगंतुकों के लिए नि:शुल्क आरओ पीने की सुविधा उपलब्ध है।
- दिव्यांगों के लिए बाधा मुक्त आवाजाही।
- आगंतुकों के लिए एक कैफेटेरिया सुविधा उपलब्ध है।
- आगंतुकों के लिए स्मारिका दुकान, पुस्तकालय, व्याख्या केंद्र, पुस्तक की दुकान उपलब्ध है।