महात्मा गांधी
‘‘मेरा जीवन ही मेरा संदेष है’’
2 अक्तूबर 1869 |
जन्म पोरबन्दर, गुजरात (सुदामापुरी, काठियावाड़) |
1883 |
कस्तूरबा से विवाह |
1887 |
अहमदाबाद केन्द्र से मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण की |
4 सितम्बर 1888 |
बैरिस्टरी पढ़ने के लिये इंग्लैंड रवाना |
12 जनवरी 1891 |
बैरिस्टरी की परीक्षा में उत्तीर्ण |
10-11 जून 1891 |
ब्रिटिष अदालत जाकर उच्च-न्यायालय में नामांकन |
12 जून 1891 |
इंग्लैंड से हिन्दुस्तान के लिए प्रस्थान |
6 जुलाई 1891 |
हिन्दुस्तान में रायचन्दभाई (श्रीमद् राजचंद्र) से परिचय, जिन्हें बाद में गुरु समान समझा |
16 नवम्बर 1891 |
बम्बई हाईकोर्ट में दाखिला लिया |
24 मई 1892 |
वकालत आरम्भ करने बम्बई में आगमन |
19 अप्रैल 1893 पोरबन्दर की एक व्यापारिक फर्म की ओर से बैरिस्टर के रूप में दक्षिण अफ्रीका के लिए प्रस्थान |
पोरबन्दर की एक व्यापारिक फर्म की ओर से बैरिस्टर के रूप में दक्षिण अफ्रीका के लिए प्रस्थान |
31 मई 1893 |
पीटरमारित्सबर्ग रेलवे स्टेषन पर प्रथम श्रेणी के रेल डिब्बे से बाहर निकलने का आदेष दिया गया यद्यपि उनके पास प्रथम श्रेणी का रेल टिकट था । गांधीजी के आदेष न मानने पर पुलिस कान्सटेबल को बुला कर उन्हें एवं उनके सामान को रेल के डिब्बे से बाहर कर दिया गया। |
22 मई 1894 |
दक्षिण अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों के हितों की रक्षा तथा रंगभेद की नीति के विरुद्ध कार्य करने के लिए एक संगठन की स्थापना का निर्णय |
22 अगस्त 1894 |
रंगभेद की नीति के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए नाताल इन्डियन कांग्रेस की स्थापना की |
3 सितम्बर 1894 |
नताल लाॅ सोसाइटी के विरोध के बावजूद नाताल सुप्रीम कोर्ट में दाखिाला मिला |
17 अक्तूबर 1899 |
बेअर युद्ध आरम्भ, हिन्दुस्तानी एम्बुलेंस टुकड़ी की स्थापना |
18 अक्तूबर 1901 |
दक्षिण अफ्रीका से हिन्दुस्तान के लिए प्रस्थान आवष्यकता पड़ने पर दक्षिण अफ्रीका लौटने का आष्वासन |
27 दिसम्बर 1901 |
कलकत्ता कांग्रेस के अधिवेषन में दक्षिण अफ्रीका पर प्रस्ताव पास करवाया |
20 नवम्बर 1902 |
प्रवासी हिन्दुस्तानियों के आग्रह पर पुनः दक्षिण अफ्रीका में आगमन |
1903 |
ट्रांसवाल ब्रिटिष इन्डिया एसोसिएषन की स्थापना |
1 अक्तूबर 1904 |
‘इन्डियन ओपीनियन’ के प्रबन्ध और प्रकाषन की जिम्मेदारी ली |
नवम्बर-दिसम्बर, 1904 |
दक्षिण अफ्रीका में ‘‘फीनिक्स आश्रम’’ की स्थापना |
11 सितम्बर 1906 |
‘‘पैसिव रजिस्टैन्स आन्दोलन’’ का आरम्भ अर्थात् ‘‘सत्याग्रह’’ का जन्म; थोरो का निबन्ध पढ़ने के पश्चात् गांधीजी ने इस आन्दोलन का नाम सिविल रजिस्टैन्स आन्दोलन सुझाया और इसे सविनय अवज्ञा आन्दोलन भी कहा |
13-22 नवम्बर 1909 |
लंदन से दक्षिण अफ्रीका की यात्रा में ‘‘एस.एस. किल्डोनन कैसल’’ नामक जहाज मेें गुजराती भाषा में ‘हिन्द स्वराज’ पुस्तक लिखी |
9 जनवरी 1915 |
दक्षिण अफ्रीका से इंग्लैंड के रास्ते बम्बई, हिन्दुस्तान में आगमन |
20 मई 1915 |
कोचरब, अहमदाबाद में सत्याग्रह आश्रम की स्थापना |
अप्रैल 1917 |
चम्पारण मं किसानों के लिए सत्याग्रह |
1918 |
अहमदाबाद में मिल मजदूरों एवं खेड़ा में किसानों के लिए सत्याग्रह |
13 अप्रैल 1919 |
जलियांवाला बाग हत्याकांड। गांधीजी ने जनता को शान्त रहने को कहा। गांधीजी के पंजाब प्रवेष पर रोक |
7 सितम्बर 1919 |
गांधीजी के सम्पादन में ‘नवजीवन’ का प्रकाषन आरम्भ |
8 अक्तूबर 1919 |
गांधीजी के सम्पादन में ‘यंग इन्डिया’ कर प्रकाषन आरम्भ |
1920-21 |
खिलाफत व असहयोग आन्दोलन |
5 फरवरी 1922 |
चैरी-चैरा की दुःखद घटना और असहयोग आन्दोलन को रोका |
10 मार्च 1922 |
गिरफ्तारी, 21 मार्च को यरवडा जेल में स्थानांतरण, जहां मार्च 1924 तक रहे |
17 सितम्बर 1924 |
हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए 21 दिन का उपवास |
23 दिसम्बर 1924 |
बेलगांव कांग्रेस की अध्यक्षता की |
26 दिसम्बर 1928 |
कलकत्ता कांग्रेस में उपस्थित। यहां 31 दिसम्बर 1928 को हिन्दुस्तानी संविधान के मसौदे को स्वीकृति दी गई |
31 दिसम्बर 1929 |
लाहौर कांग्रेस के अधिवेषन में गांधीजी के ‘‘पूर्ण स्वराज’’ के प्रस्ताव पर सबकी सहमति। एसेम्बलियों के बहिष्कार पर भी सबकी स्वीकृति |
26 जनवरी 1930 |
सारे देष में पूर्ण स्वतंत्रता के लिए प्रतिज्ञा ली गई |
19 फरवरी 1930 |
आल इन्डिया कांग्रेस समिति द्वारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन छेड़ने का निष्चय |
12 मार्च 1930 |
78 आश्रमवासियों को लेकर गांधीजी द्वारा अहमदाबाद से (241 मील लंबी) दांडी यात्रा के लिए कूच। 6 अप्रैल को नमक कानून को भंग किया |
5 मई 1930 |
गिरफ्तारी, यरवडा जेल में रखे गये |
26 जनवरी 1931 |
ज्ेल से रिहाई |
5 मार्च 1931 |
गांधी-इर्विन समझौता |
29 अगस्त 1931 |
गेलमेज काॅन्फ्रेंस में उपस्थित होने के लिए बम्बई से लन्दन के लिए प्रस्थान |
28 दिसम्बर 1931 |
हिन्दुस्तान आगमन |
31 दिसम्बर 1931 |
असहयोग आन्दोलन शुरू करने का निर्णय |
20 सितम्बर 1932 |
ळरिजनों के लिए ‘‘साम्प्रदायिक निर्णय’’ में अलग मताधिकार की योजना के विरुद्ध उपवास |
8 मई 1933 |
ळरिजनों की स्थिति में सुधार के लिए 21 दिन का उपवास, रात के 9 बजे जेल से रिहाई |
31 जुलाई 1933 |
व्यक्तिगत सविनय अवज्ञा आन्दोलन आरम्भ |
1 अगस्त 1933 |
गिरफ्तारी, 23 अगस्त 1933 तक कारावास में रहे |
7 नवम्बर 1933 |
ळरिजन यात्रा शुरू |
17 सितम्बर 1934 |
कांग्रेस छोडने की घोषणा |
29 अक्तूबर 1934 |
कंग्रेस से पूरी तरह अलग होने की घोषणा |
1936 |
वर्धा में सेवाग्राम आश्रम की स्थापना |
1937 |
वर्धा षिक्षा योजना |
मई, अक्तूबर-नवम्बर 1938 |
उत्तर पष्चिमी सीमान्त प्रान्त की यात्रा |
3 मार्च 1939 |
राजकोट में आमरण उपवास |
7 मार्च 1939 |
स्मझौता हो जाने पर उपवास की समाप्ति |
15 अक्तूबर 1940 |
युद्ध विरोधी व्यक्तिगत सत्याग्रह आरम्भ। विनाबा भावे प्रथम सत्याग्रही घोषित |
15 जनवरी 1942 |
‘‘जवाहर मेरे उत्तराधिकारी होंगे’’ गांधीजी ने घोषित किया |
23 मार्च 1942 |
क्रिप्स मिषन का हिन्दुस्तान में आगमन |
30 मार्च 1942 |
‘‘हिन्द छोडो’’ आन्दोलन का विचार मन में आया |
8 अगस्त 1942 |
‘‘आल इन्डिया कांग्रेस समिति’’ द्वारा ‘‘हिन्द छोड़ो’’ प्रस्ताव मंजूर किया गया। ‘‘हिन्द छोड़ो’’ आन्दोलन का आरम्भ |
9 अगस्त 1942 |
गिरफ्तारी और आगा खां महल में नज़रबन्द |
15 अगस्त 1942 |
गांधीजी के सचिव महादेव देसाई को देहावसान। गांधीजी द्वारा उनकी चिता दहन |
10 फरवरी 1943 |
आगा खां महल में उपवास आरम्भ |
3 मार्च 1943 |
उपवास की समाप्ति |
22 फरवरी 1944 |
शाम के 7ः30 बजे कस्तूरबा का देहावसान। गांधीजी द्वारा काते गए सूत की साड़ी में चिता दहन |
6 मई 1944 |
ज्ेल से रिहाई |
जून-जुलाई 1945 |
शिमला काॅन्फ्रेंस |
मार्च 1946 |
कैबिनेट मिषन का आगमन |
1946 |
कैबिनेट मिषन योजना की स्वीकृति |
10 अक्तूबर 1946 |
नोआखली तथा पूर्वी बंगाल में अनेक स्थानों पर अषान्ति |
6 नवम्बर 1946 |
कलकत्ता से नोआखली के लिए स्पेषल टेªन से प्रस्थान |
जनवरी-दिसम्बर 1947 |
बंगाल, बिहार और दिल्ली के अषान्त क्षेत्रों में शान्ति स्थापना का प्रयास |
15 अगस्त 1947 |
देश के बंटवारे के कारण कलकत्ता मे उपवास |
13 जनवरी 1948 |
साम्प्रदायिक दंगों के विरोध में दिल्ली के बिड़ला हाउस में उपवास |
16 जनवरी 1948 |
‘‘मैं अपना जीवन व्यर्थ समझूंगा यदि हिन्दुस्तान और पाकिस्तान में अषान्ति का माहौल बना रहेगा’’ गांधी जी की घोषणा |
18 जनवरी 1948 |
गांधीजी ने उपवास तोड़ा. |
20 जनवरी 1948 |
गांधीजी की प्रार्थना सभा में बम विस्फोट. |
27 जनवरी 1948 |
गांधीजी ने कहा कि कांग्रेस को भंग करके जनता की सेवा के लिए नई संस्था बनाई जाये |
30 जनवरी 1948 |
शाम 5-17 बजे बिड़ला हाउस में प्रार्थना के लिए जाते समय हत्या |
महात्मा गांधी द्वारा किए गए अनषनों का ब्यौरा दक्षिण अफ्रीका में
1913 |
आश्रम (फीनिक्स) के दो आश्रमवासियों के नैतिक पतन के कारण एक सप्ताह का पश्चाताप अनषन |
1914 |
ऐसे ही कारण से चैदह दिन का अनषन |
हिन्दुस्तान में
1 जून 1915 |
आश्रम के लड़कों द्वारा असत्य व्यवहार का पता चलने पर अनषन, भूल मान लेने पर अनषन समाप्त |
11 सितम्बर 1915 |
आश्रम के कुछ व्यक्तियों द्वारा एक हरिजन के प्रवेष पर आपत्ति करने के कारण एक दिन का अनषन |
15-17 मार्च 1918 |
अहमदाबाद के मिल मजदूरों के वेतन में वृद्धि करने के लिए अनषन |
6 अप्रैल 1919 |
हिन्दुस्तान भर में ‘‘सत्याग्रह दिवस’’ के अवसर पर एक दिन का अनषन |
13-15 अप्रैल 1919 |
ज्लियांवाला बाग हत्याकांड तथा बम्बई और अहमदाबाद की अषान्त घटनाओं के लिए 72 घंटे का अनषन |
19-21 नवम्बर 1921 |
बम्बई की अषान्त घटनाओं के लिए व्रत लिया |
28 नवम्बर 1921 |
हर सोमवार को, जब तक स्वतंत्रता प्राप्त नहीं होती, 24 घन्टे का अनषन रखने का व्रत लिया |
12-16 फरवरी 1924 |
चैरी-चैरा नर संहार के कारण |
17-30 सितम्बर 1924 1-7 अक्तूबर 1924 |
हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए |
24-30 नवम्बर 1925 |
आश्रमवासियों के नैतिक पतन के कारण |
22-24 जून 1928 |
एक आश्रमवासी के अनैतिक व्यवहार के कारण |
20-25 सितम्बर 1932 |
हरिजनों के लिए अलग साम्प्रदायिक निर्वाचन व्यवस्था के कारण |
22 दिसम्बर 1932 |
सरकार द्वारा एक कैदी को शौचालय की सफाई करने पर प्रतिबंध लगाने के फलस्वरूप विरोध प्रकट करने के लिए |
8-28 मई 1933 |
आत्मषुद्धि के लिए |
16-22 अगस्त 1933 |
ळरिजन कल्याण के कार्य पर प्रतिबंध लगाने के कारण विरोध प्रकट करने हेतु। |
7-13 अगस्त 1934 |
ज्ब एक समाज सुधारक ने अपने विराधी पर लाठी से प्रहार किया। यह विरोधी हरिजन उत्थान को पसंद नही करता था। |
3-6 मार्च 1939 |
राजकोट के महाराज द्वारा वादा खिलाफी करने पर |
12-13 नवम्बर 1940 |
आश्रम में छोटी सी चोरी के कारण दो दिन का व्रत |
5-7 मई 1941 |
अहमदाबाद में साम्प्रदायिक दंगे होने के कारण |
29 जून 1941 |
साम्प्रदायिक एकता के लिए |
10 फरवरी-2 मार्च 1943 |
सरकार के इस प्रचार पर कि 1942 के ‘‘हिन्द छोड़ो’’ आन्दोलन के कारण जो हिंसा हुई उसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है |
1944, November 30 |
30 नवम्बर 1944 एक या अधिक दिनों तक व्रत करने की इच्छा, ऐसी इच्छा का कारण ज्ञात नहीं हो सका |
20-23(?) अक्तूबर 1946 |
संभवतः किसी व्यक्ति के द्वारा उस पत्र में गलती से लिखा गया जिस पत्र का सम्बन्ध मुस्लिम लीग से वार्ता के संदर्भ में था |
15 अगस्त 1947 |
हिन्दुस्तान के बंटवारे के विरोध में |
1-3 सितम्बर 1947 |
साम्प्रदायिक एकता के लिए |
11 अक्तूबर 1947 |
विक्रम संवत् के अनुसार जन्म दिन। उस दिन व्रत रखा |
13-17 जनवरी 1948 |
साम्प्रदायिक एकता के लिये व्रत रखा |
गांधीजी की जेल यात्राएं दक्षिण अफ्रीका में
10-30 जनवरी 1908 |
प्ंाजीकरण न करने तथा नाताल न छोड़ने के लिए दो महीने की साधारण कारावास की सज़ा |
7-12 अक्तूबर 1908 |
नाताल से लौटने पर पंजीकरण पत्र जो उन्होंने जला दिया था, न दिखाने पर कठोर कारावास |
25 फरवरी 1909 |
गिरफ्तारी, ट्रांसवाल में तीन महीने की सज़ा, कारण पंजीकरण पत्र नहीं था |
6 नवम्बर 1913 |
पापफोर्ड में ‘‘विषाल पदयात्रा’’ के बाद गिरफ्तारी, 7 तारीख को कैलनबाक की जमानत पर रिहा |
8 नवम्बर 1913 |
पुनः गिरफ्तारी और जमानत पर रिहा |
9 नवम्बर 1913 |
गिरफ्तारी तथा 9 महीने के कारावास का दंड। फोक्सरस्ट में और तीन महीने की सजा, परन्तु 18 दिसम्बर 1913 को अचानक रिहाई |
हिन्दुस्तान में
16 अप्रैल 1917 |
चम्पारण की यात्रा में जिला छोड़ने का आदेष दिया गया |
10-11 अप्रैल 1919 |
पलवल में अमृतसर जाते हुए गिरफ्तार किए गए और बम्बई ले जाकर 11 अप्रैल को छोड़ दिए गए |
10 मार्च 1922-5 फरवरी 1924 |
‘यंग इन्डिया’ मंे तीन लेखों के कारण गिरफ्तार किए गए। छः साल की सज़ा। |
5 फरवरी 1924 |
को बिना शर्त यरवडा जेल से रिहा किए गए |
4 मार्च 1929 |
कलकत्ता में विदेषी कपड़ों की होली जलाने पर गिरफ्तारी और रिहाई |
5 मई 1930 |
प्रातः 00ः45 बजे नमक सत्याग्रह के दौरान कराडी में गिरफ्तारी, 26 जनवरी 1931 को बिना शर्त रिहाई |
4 जनवरी 1932 |
बम्बई में प्रातः तीन बजे गिरफ्तारी, यरवडा जेल ले जाए गए। 8 मई 1933 को उपवास आरंभ किया, उसी दिन शाम के छः बजे रिहा किए गए |
1 अगस्त 1933 |
गिरफ्तार किए गए। 4 अगस्त को प्रातः 9 बजे रिहा किए गए, सरकार ने शर्त रखी कि प्रातः 9ः30 बजे तक यरवडा की सीमा से बाहर हो जाएं। गांधीजी ने शर्त मानने से इनकार किया। इसलिए प्रातः 9ः50 बजे पुनः गिरफ्तार किए गए और एक वर्ष के कारावास का दंड दिया गया। 16 अगस्त को अनषन आरम्भ किया और 23 अगस्त को स्वास्थ्य खराब होने के कारण बिना शर्त रिहा कर दिया गया। |
9 अगस्त 1942 |
‘‘हिन्दुस्तान सुरक्षा कानून’’ के अन्तर्गत गिरफ्तार किए गए। गिरफ्तारी का कारण ‘‘हिन्द छोड़ो’’ प्रस्ताव था। आगा खां महल, पूना में गांधीजी को नजरबंद रखा गया। 6 मई 1944 को प्रातः 6 बजे रिहाई |